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कितनी तारीफ करूं उस जालिम के हुस्न की। पूरी किताब तो बस उसके, होठों पर ही खत्म हो जाती है।। Kitni Tareef Karun Us Zaalim Ke Husn Ki...! Puri Kitaab To Bas Uske Hothon Par Hi Khatam Ho Jati Hai....!!

 

रहने दे उधार एक मुलाकात यूँ सुना है उधार वालों को लोग भुलाया नहीं करते 
जिन रिश्तों में हम सस्ते पड़ जाएं ,, वो रिश्ते हमें बहुत महंगे पड़ते हैं !! 
Sad Shayari
Sad Shayari
अब क्या बताऊं मैं तेरे मिलने से क्या मिला "थोड़ी बेचैनी तो बहुत सारा सुकूं थोड़ी बेकरारी तो बहुत सारा सब्र, थोड़ी उलझन तो बहुत सारा सुलझापन थोड़ी कड़वाहट तो बहुत सारा मीठापन, थोड़ी शरारत तो बहुत सारी नज़ाकत थोड़ी सा बैर तो बहुत सारी मोहब्बत" 
सारा माजरा तकब्बुर का.... ये तकब्बुर भी कहाँ टिकता है.... रूह छोड़ देती है मकां..... ये मकां भी कहाँ टिकता है || 

मैं भी लिख देता किताब तेरे हुस्न की तारीफ़ में, काश तेरी वफ़ा और हुस्न का कोई मुकाबला भी होता, 

हुस्न-ए-ख़ुमारी का आलम क्या पूछते हो। गजरा, चूड़ी, काजल, बिंदी, उफ्फ्फ तुम क्या पूछते हो।। Husn-e Khumari Ka Aalam Kya Poochte Ho.. Gajra, Choodi, Kajal, Bindi, Ufffff Tum Kya Poochte Ho....!!!
सब नींद चाहते हैं अमीरी की गोद में किसको ग़रीब बाप का लड़का पसंद है
Sad Shayari writeshindishayari
Sad Shayari
कितनी तारीफ करूं उस जालिम के हुस्न की। पूरी किताब तो बस उसके, होठों पर ही खत्म हो जाती है।। 

ढूँढ़ लेना खुद को मेरे अल्फाज़ों की बारिश में, सरेआम जो तेरा नाम लिखा तो आम हो जाओगे। 
दुनिया तेरे वजूद को करती रही तलाश, हमने तेरे ख्याल को दुनिया बना लिया। 

टूट गया गुल शाख़ से, अच्छा हुआ वरना पत्तों को ग़लतफ़हमी थी कि ख़ुशबू उन्ही से.. 

तुम ना समझोगे कभी ख़ाक नशीनों ..का दुख ,, तुम अभी दर्द की शिद्द़त से ...श़नासा जो नहीं !! 

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